शीर्षक:बोलो पापा
शीर्षक:बोलो पाया
बोलो पापा ये जो व्योम फैला है
असीमित आकार हैं इसका तो क्या
आप सीमित हो चमचमाते सितारा हो गए हो इसके
आकाशगंगा रूप में जो टिमटिमा रहे है
क्या आप वही सितारा बन गए है
बोलो पापा ये जो व्योम फैला है
सब कहते है जो हमे छोड़ चले जाते हैं
व्योम में टिमटिमाते तारा बन जाते हैं
व्योम का विस्तार इसलिए एटम हैं कि
हम सबको एक दिन तारा बन जाना हैं
बोलो पापा ये जो व्योम फैला है
खुश होती हूँ यही सोच कि एक दिन
मैं भी आने साथ तारा बन तिमतिमाउंगी
ऊपर से ही आपकी तरह मैं भी
सभी अपनों को रोज देख पाऊंगी
बोलो पापा ये जो व्योम फैला है
सारा ब्रह्मांड आप ओर मुझसे चमकेगा
चमक से पूरा पृथ्वी लोक चमक उठेगा
आज हम नीचे है तो कल ऊपर जाना है
वही अपनी टिमटिमाहट को विस्तार देने हैं
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद