शीर्षक:बैसाखी आये मन हर्षाये
शीर्षक:बैसाखी आये मन हर्षाये
बैसाखी आगमन हर्षित मन..
गेहूँ की बालियां रूप लिए
स्वर्णिम खेतो को चमकाती
किसान के मुख मुस्कान बिखरती
घर मे सुख-समृद्धि फैलती।
बैसाखी आगमन हर्षित मन..
आई बैसाखी ढोल नगाड़े संग
संगीत की धुन भांगड़ा होता संग
छोटे बड़े सब मिल गाते खुशी के गीत
यही तो है हमारे भारत की रीत।
बैसाखी आगमन हर्षित मन..
बसंत आगमन होते पेड़पौधे हर्षित
मन हम सबका भी होता पुलकित
दुख रख एक तरफ़ मनाते खुशियां
गीत गिद्दा पर मस्त टोली की खुशियां।
बैसाखी आगमन हर्षित मन..
पेड़ो में नव प्राण होते संचरित
नवीन पत्र पुष्प से पुलकित वृक्ष
आम के पेड़ों को देख बोराये
कोयल अपनी मीठी लय सुनाए।
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद