Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2022 · 1 min read

शीर्षक:बिन पतवार किनारे तक

शीर्षक: बिन पतवार किनारे तक

कोशिश से कामयाबी तक
हार से जीतने तक
दुःख से सुखानुभूति तक
विछोह से मिलन तक
टीस की पीड़ा से कराहट तक
बिन स्वर ही सुनाने तक
बिन सुने ही समझने तक
बिन समझ ही समझने तक
बिन डूबे ही पार होने तक
बिन सहारे ही तिर जाने तक
बिन पतवार खेवनहारे तक
बिन बुलाए किनारे तक
बिन घात शिकार तक
बिन राह मंजिल तक
बिन खोले राज खुलने तक
बिन चाह खुशियों तक
बिन प्रार्थना स्वीकार्य तक
बिन सीखे सीखने तक
बिन चाहे मिलने तक
बिन पीड़ा सुन्न शब्द तक
बिन मरे ही दफन तक
बिन कफ़न ही जाने तक
घर से श्मशान तक
बिन जताए अहसास तक

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
कुएं का मेंढ़क
कुएं का मेंढ़क
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
तेरी मोहब्बत में इस क़दर दिल हारे हैं
तेरी मोहब्बत में इस क़दर दिल हारे हैं
Rekha khichi
4160.💐 *पूर्णिका* 💐
4160.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
शेखर सिंह
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
Ashwini sharma
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
parvez khan
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हरवंश हृदय
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बुरा समय
बुरा समय
Dr fauzia Naseem shad
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
Yogendra Chaturwedi
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
Sanjay ' शून्य'
मां बेटी
मां बेटी
Neeraj Agarwal
भस्म लगाई जिस्म पर,
भस्म लगाई जिस्म पर,
sushil sarna
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चाय दिवस
चाय दिवस
Dr Archana Gupta
प्रेम की साधना (एक सच्ची प्रेमकथा पर आधारित)
प्रेम की साधना (एक सच्ची प्रेमकथा पर आधारित)
गुमनाम 'बाबा'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Sushila joshi
हे वतन तेरे लिए, हे वतन तेरे लिए
हे वतन तेरे लिए, हे वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
Sonam Puneet Dubey
"तलाशिए"
Dr. Kishan tandon kranti
...
...
*प्रणय प्रभात*
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दिल खोल कर रखो
दिल खोल कर रखो
Dr. Rajeev Jain
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
शीर्षक:कोई चिट्ठी लिख देते
शीर्षक:कोई चिट्ठी लिख देते
Harminder Kaur
5) “पूनम का चाँद”
5) “पूनम का चाँद”
Sapna Arora
*जिंदगी के  हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
मेरी पहचान!
मेरी पहचान!
कविता झा ‘गीत’
Loading...