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4 Feb 2022 · 1 min read

शीर्षक:बसंत

देखो प्रकृति का नियम अनूठा
पुराना पत्ता पेड़ से रूठा
प्रकृति ने अठखेलियां अपनाई
प्रकृति में नव बहार खिल आई
पेड़ देख बसन्त को
पहले ही तैयार हुआ
नव कौंपले फूटने को
हर डाली को तैयार किया
डाली के रूखे अधरों पर,
हरित सी मुस्काने छायी।
डाली करने को स्वागत
नव पत्तो को तैयार हुई
इठलाई सी मुस्काई खुद ही
चली हवा संग खेली डौली
अपने अनुपम रूप को सोच कर
आज डाली डाली मुस्काने चली
बसंत की याद आयी तो
प्रेमी हुए होली रंग को तैयार
बसंत संग हमजोली को करने
को तैयार
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
153 Views
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