Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2023 · 1 min read

शीर्षक:बसंत आने से

बसंत आने से
भीनी भीनी सुगंध फैलती है
महक उठता है उपवन सारा

बसंत आने से
आ जाती है बहार
चारों ओर होती हरियाली

बसंत आने से
दिल में भी होती उमंग
खिल उठती सरसो से धरा

बसंत आने से
मुझ को वही मिलता अवसर
कुछ लिखने लिखाने का

बसंत आने से
होता सुन्दर मधुर आभास
खिलखिलाए जैसे धरती ओर आकाश

बसंत आने से
कड़कड़ाती सर्दी होती दूर
मीठी सी ठंडक होती मौसम में

बसंत आने से
वह हर उम्र के लोगो में
कराती सुखद अहसास

बसंत आने से
सरसो के फूल करते मन विभोर
तब लिखती मंजू कविता

डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 131 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
आंसुओं के समंदर
आंसुओं के समंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
*** तस्वीर....!!! ***
*** तस्वीर....!!! ***
VEDANTA PATEL
"ख़ामोशी"
Pushpraj Anant
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय प्रभात*
मित्रतापूर्ण कीजिए,
मित्रतापूर्ण कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन मंथन कर ले एकांत पहर में
मन मंथन कर ले एकांत पहर में
Neelam Sharma
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
2820. *पूर्णिका*
2820. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
bharat gehlot
समझना है ज़रूरी
समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
अगर आपको सरकार के कार्य दिखाई नहीं दे रहे हैं तो हमसे सम्पर्
अगर आपको सरकार के कार्य दिखाई नहीं दे रहे हैं तो हमसे सम्पर्
Anand Kumar
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
DrLakshman Jha Parimal
चलते-चलते...
चलते-चलते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जल जंगल जमीन जानवर खा गया
जल जंगल जमीन जानवर खा गया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
शेखर सिंह
दिल का सौदा
दिल का सौदा
सरिता सिंह
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
shabina. Naaz
The reflection of love
The reflection of love
Bidyadhar Mantry
नया युग
नया युग
Anil chobisa
Even if you stand
Even if you stand
Dhriti Mishra
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
आज की राजनीति
आज की राजनीति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आने वाले सभी अभियान सफलता का इतिहास रचेँ
आने वाले सभी अभियान सफलता का इतिहास रचेँ
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...