Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

शीर्षक:फागुन की बयार

८-
धुंध, कुहासा छट गया
सूरज भी चादर ओढ़ चला
शीत भी मानो रूठ गई
ठिठुरन भी थोड़ी ठिठक गई
सरसों पर पीले फूल खिले
पेडों पर पत्ते फूट चले
सूरज गर्मी दिखलाने लगा
सर्दी को दूर करने लगा
हिमपात धरा से पिंघलने लगा
सूरज जल्दी आने जो लगा
अंधेरे का साया घटने लगा
फागुन का मौसम आने लगा
मौसम में रंगत छाने लगी
होली का मौसम आने लगा
बचपन पिचकारी खरीदने लगा
युवा भी रंगों से महकने लगा
गुंजियो की खुशबू आने लगी
माँए भी कोथली सजाने लगी

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
* लोकतंत्र महान है *
* लोकतंत्र महान है *
surenderpal vaidya
जन्मदिन की शुभकामना
जन्मदिन की शुभकामना
Satish Srijan
शुरुआत जरूरी है
शुरुआत जरूरी है
Shyam Pandey
■ मुक्तक।
■ मुक्तक।
*प्रणय प्रभात*
'महंगाई की मार'
'महंगाई की मार'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
दो घूंट
दो घूंट
संजय कुमार संजू
वाह टमाटर !!
वाह टमाटर !!
Ahtesham Ahmad
गीत
गीत
गुमनाम 'बाबा'
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
Chandrakant Sahu
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जिंदगी एडजस्टमेंट से ही चलती है / Vishnu Nagar
जिंदगी एडजस्टमेंट से ही चलती है / Vishnu Nagar
Dr MusafiR BaithA
बदला सा व्यवहार
बदला सा व्यवहार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
चाय
चाय
Rajeev Dutta
एक गलत निर्णय हमारे वजूद को
एक गलत निर्णय हमारे वजूद को
Anil Mishra Prahari
" बीता समय कहां से लाऊं "
Chunnu Lal Gupta
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
Kishore Nigam
आज़माइश कोई
आज़माइश कोई
Dr fauzia Naseem shad
फोन:-एक श्रृंगार
फोन:-एक श्रृंगार
पूर्वार्थ
आस्था और चुनौती
आस्था और चुनौती
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
खेत रोता है
खेत रोता है
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
2382.पूर्णिका
2382.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"उजाला"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ तेरे चरणों मे
माँ तेरे चरणों मे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" पाती जो है प्रीत की "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
gurudeenverma198
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
$úDhÁ MãÚ₹Yá
Loading...