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27 Sep 2022 · 1 min read

शीर्षक:पहला नवरात्र

सभी को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं
🙏मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप ‘शैलपुत्री’🙏

२६ सितम्बर को नवरात्र का पहला दिन है और इस दिन घटस्थापना के बाद मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन, अर्चन और स्तवन किया जाता है। शैल का अर्थ है हिमालय और पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। पार्वती के रूप में इन्हें भगवान शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है। वृषभ (बैल) इनका वाहन होने के कारण इन्हें वृषभारूढा के नाम से भी जाना जाता है। इनके दाएं हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में इन्होंने कमल धारण किया हुआ है। मां शैलपुत्री का पूजन और स्तवन निम्न मंत्र से किया जाता है।

वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्‌।
वृषारूढां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥

अर्थात मैं मनोवांछित लाभ के लिये अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करने वाली, वृष पर सवार रहने वाली, शूलधारिणी और यशस्विनी मां शैलपुत्री की वंदना करती हूं।भगवान श्री राम ने भी किया था नवरात्र व्रत, माँ पूजा करने पर धन,आयु,बल आदि सभी की प्राप्ति होती हैं तो आइए हम सब मिलकर माँ”शैल पुत्री ” के स्वरूप को ध्याते है जन कल्याण की कामना करते हैं।देश सुरक्षित रहे सभी निरोगी रहे।मेरा समूह दिनदुनि रात चौगुनी उन्नति करें।जहाँ हमारी आवश्यकता हो हम सदैव कल्याण भाव से उपस्थित रहे।माँ के चरणकमल में माँ की दुलारी पुत्री
डॉ मंजु सैनी

Language: Hindi
1 Like · 67 Views
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