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14 Aug 2022 · 1 min read

शीर्षक:धरती माँ

सजाओ सब मिल धरती को
वृक्ष तो माँ का श्रंगार होते है
करे माँ का श्रंगार मिलजुल कर
कि माँ निहार रही चुपचाप कर

लगाओ उनकी सतह पर पेड़
खिलेंगे पुष्प उनके सीने पर
मां धरती की वंदना से महकेगा
हमारा जीवन व घर आँगन

पवन भी मदमस्त गुनगुनयेगा
मदमस्त खुशबू से घूमेगा कि
खिलेंगे रंगबिरंगेफूल सब औऱ
हमारी मेहनत तब रंग दिखाएगी

आओ मिल कर धरती माँ को
सुज्जजित करे माँ का श्रंगार
लगाए फूल और पौधे बेसुमार
चमक उठेगा माँ भारती का माथ

उतारूं सजाकर आरती माँ की
आराधना में लगाऊं कुछ तो आज
सब की शान है माँ भारती की गोद
धरती माँ को सजाए हम हर रोज

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
256 Views
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