शीर्षक:दोस्ती
दोस्ती
दोस्ती सलोना और सुहाना अहसास है,
दोस्ती एक सुहाना सा सफर हैं
ये हर रिश्ते से अलग व न्यारा है
इसमें छिपा प्यारा सा एक अहसास हैं
जब महफ़िलें यारो की सज़ा करती है
यह मीठा सा रिश्ता एक सत्यता का अहसास है
दोस्त होता हमेशा ही खास हैं
इसकी व्याख्या का आकार विशाल हैं
दोस्ती की परिभाषा तो बेमिशाल हैं
जब महफ़िलें यारो की सज़ा करती है
दोस्ती एक बेहद उत्कृष्ट अनुभूति की पहचान है
मिलते ही तनाव और चिंता के सारे भाग जाते हैं
मिलकर उलझनों की जंजीरें खुल जाती है।
रिश्तों की गर्माहट का अहसास हो जाता हैं
जब महफ़िलें यारो की सज़ा करती है
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद