शीर्षक:दूसरा नवरात्र
द्वितीय नवरात्र
🙏 मां दुर्गा का रूप ‘ब्रह्मचारिणी’🙏
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ‘देवी ब्रह्मचारिणी’ रूप की पूजा करने का विधान है। मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। शास्त्रों में बताया गया है कि मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया और महर्षि नारद के कहने पर अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। हजारों वर्षों तक अपनी कठिन तपस्या के कारण ही इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा। अपनी इस तपस्या की अवधि में इन्होंने कई वर्षों तक निराहार रहकर और अत्यन्त कठिन तप से महादेव को प्रसन्न कर लिया। इनके इसी रूप की पूजा और स्तवन दूसरे नवरात्र पर किया जाता है।मां ब्रह्मचारिणी अपनी इस पुत्री पर सदैव दयाभाव बनाये रखिये।संसार मे सुख शांति बनी रहे मेरा देश तरक्की करता रहे प्रत्येक जन सुखी निरोगी रहे।माँ के इस अलौकिक रूप को निहारती रहूँ…..
ऐसी कामना के साथ माँ की लाडली
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद