शीर्षक:तुम ही तुम
तुम ही तो हो
जिसके साथ अपना लम्हा लम्हा
जोड़ा मैंने
तुम ही तो हो
जिसके लिए छोड़ आई
मैं घर अपना
तुम्हारे साथ जिया सुखद
हर लम्हा
तुम्हारे हवाले किया अस्तित्व
अपना
जुड़ाव गहरा था वो जो पल था
सिर्फ अपना
लम्हे बने ऐसे जो याद रहे
उम्र भर मेरे
तुम ही तो हो जिसमें छोड़ आई
मैं खुद को
गहरी सी छाप बनकर
जहन में
बेदखल न हो मेरे साथ वाले
लम्हे तुझसे
यादों में सपना बन बसे रहे बस
मेरे अंदर
आओ अधूरी सी ख्वाहिश को
पूरा करते है
चलो बाकी बची जिंदगी को
हँसकर मस्त
जीते हुए जीवन पार करते है
बधाई
देती हूँ आज तुमको दिल से
शादी की
वर्षगाँठ पर जो झेला जीवन भर मुझको