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30 Sep 2022 · 1 min read

शीर्षक:तुम बिन

शीर्षक: तुम बिन

शायद अब से कह ना पाऊँ
दिल के दर्द बस सहती जाऊँ
सब बातों को दिल बसाऊं
सब कुछ यूँ ही पीती जाऊँ

दर्द जो दिल का किसे सुनाऊं
अब तो कोई न मुझे सुहाए
बात बड़ी बड़ी सब कर जाए
पर मेरी पीर कोई हर न पाए

तुमने जबसे छोड़ा साथ है
कैसे बीते दिन व रात हैं
इसकी कोई गिनती नही है
मेरी तो कोई गलती नही हैं

पलक झपक कर रात बताऊं
सारी शिकायत किसे सुनाऊं
बंद आँखों मे भी तुम्हे बसाऊं
तुम बिन अब तो मर ही जाऊँ

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 84 Views
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