शीर्षक:जीवन शेष
जीवन शेष
तुम हमेशा रहे विशेष
तुम्हारी यादों में मेरा जीवन शेष
यादें ही रह गई धरोहर रूप में
तेरी मेरी कहानी आज भी विशेष पर
जब तक जीवन शेष यादें रहेंगी विशेष
तुम हमेशा रहे विशेष
यादों के ढेर में दबी कुछ स्मृतियां
अनवरत ही दिखती हैं चित्र में
बस यही तो अब बचा है मेरे समक्ष शेष
जब तक जीवन शेष यादें रहेंगी विशेष
तुम हमेशा रहे विशेष
जीवन यात्रा छोटी सी मिली संग
पर चित्रित रही मनःपटल पर शेष
अंतिम पड़ाव तक संग रख सहेज पर
जब तक जीवन शेष यादें रहेंगी विशेष
तुम हमेशा रहे विशेष
वास्तविक प्रेम था मेरा नही था छलावा
शायद मेरे ठहराव झलका नही
शायद प्रेम लगा तुमको अतिरेक पर
जब तक जीवन शेष यादें रहेंगी विशेष
तुम हमेशा रहे विशेष
ठहराव चाहती हूँ अब यहीं
हो जाना चाहती हूँ एकाकार
वैसे ही जीवन में बारंबार पर
जब तक जीवन शेष यादें रहेंगी विशेष
तुम हमेशा रहे विशेष
मैं धरोहर तुम्हारी ही रही
छोड़ नही पाती हूँ यादों की पकड़ को
प्रेम प्रणय के अंतिम छोर तक यादे पर
जब तक जीवन शेष यादें रहेंगी विशेष
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद