शीर्षक:चाल कलम की
कलम भी क्या अजीज
चीज़ हैं…
जो खुद को खाली
करके…
किसी के जज्बातों को
भरती हैं…
रूप शब्दो का लेकर करती
दर्द बयाँ…
कलम भी क्या अजीज
चीज है…
चलती है तो चुभती हैं
कागज पर…
छाप छोड़ जाती हैं रूह पर
अपनी…
मन के जज्बात उकेर देती हैं
शब्द जाल में…
कलम भी क्या अजीज
चीज है…
मर कर भी जिंदा रखती है
शब्दो में…
रह जाती है उकेरित रूप लिए
यादें बस…
नमन कलम को मेरा मृत्यु बाद जिंदा
रखने को….
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद