शीर्षक:गुस्ताख़ी माफ़
गुस्ताख़ी माफ़
रमज़ान लाया करो तौबा गुनाहों से,
ऊपर वाले से मौका गुस्ताख़ी माफ़ी का
रमज़ान हमारे लिए यही फरमान लाया है
दुआ करते हैं रोज़ेदार,पल-पल अमनो चैन की
खान लाया ये महीना, हर पल खुदा की नेमतो की
गुस्ताख़ी माफ़ी की,गुनाहों से तौबा की
रमज़ान लाया करो तौबा गुनाहों से,
मिलजुल साथ रहने का फरमान हो जैसे
रोज़ा नवाजी के लिए,यही मानो एक मौका
साथ मिलकर करें इबादत,हो अम्लों चैन धरा पर
तोबा करें एक दूसरे को न दे दुख कोई
गुस्ताख़ी माफ़ी की,गुनाहों से तौबा की
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद