Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

शीर्षक:आवाज लेखनी की

२१-
मेरी लेखनी प्रेम लिखती है
औऱ कभी कभी विद्रोह करती है
कभी कभी सुंदर से स्वप्न बुनती है
कभी कभी जल सी द्रवित बहती है
ढलती हैं कभी मेरे से रंग में
औऱ मुझ जैसी सी लगती है
ये देखो मेरी लेखनी की आवाज़ है
बस यूँ ही बेबाक़ चलती सी है।

खुश करे ये दिल को कभी कभी
मन मे आक्रोश भरती कभी कभी
सत्य का आइना दिखा दे कभी कभी
चकित करती भ्रमित करती कभी कभी
तेज इसमें सूर्य समान सा कभी कभी
अंधकार भी लिखती बेबाक कभी कभी
ये देखो मेरी लेखनी की आवाज है
बस यूँ ही बेबाक़ चलती सी है।

यौवन भी लिखती नारी का कभी कभी
गाथा भी वीरों की लिखती कभी कभी
बदल देती है सत्ता को कभी कभी
पर जब कागज़ पर चलती कभी कभी
तो इतिहास रच देती है नए नए कभी कभी
ये विनाश भी लिखती है कभी कभी
ये देखो मेरी लेखनी की आवाज़ है
बस यूँ ही बेबाक़ चलती सी है।

मेरी लेखनी तो है सच्ची इस जहान में
जो मेरे दिल की सच्ची बात ही लिखती है
समाज की सच्ची घटनाये ही लिखती है
जो ना किसी के भय में रहती बस सच लिखती है
लेखनी तब तक वो बड़े काम की सच्चाई जब तक लिखे
ना वो पैसों में बिके तब तक ही सच्ची बात लिखे
ये देखो मेरी लेखनी की आवाज़ है
बस यूँ ही बेबाक़ चलती सी है।
डॉ मंजु

Language: Hindi
1 Like · 269 Views
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

मेरे जीवन के इस पथ को,
मेरे जीवन के इस पथ को,
Anamika Singh
जिंदगी हमेशा एक सी नहीं होती......
जिंदगी हमेशा एक सी नहीं होती......
shabina. Naaz
चोर दरबार से नहीं निकला
चोर दरबार से नहीं निकला
अरशद रसूल बदायूंनी
"अवध में राम आये हैं"
Ekta chitrangini
सरकार से हिसाब
सरकार से हिसाब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
व्यथित मन
व्यथित मन
सोनू हंस
रिश्ता
रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
एक प्रार्थना
एक प्रार्थना
Bindesh kumar jha
पितृ दिवस पर
पितृ दिवस पर
RAMESH SHARMA
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
"इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
शलभ से
शलभ से
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
मां
मां
MEENU SHARMA
पीड़ाएं सही जाती हैं..
पीड़ाएं सही जाती हैं..
Priya Maithil
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दिल में जिसकी तस्वीर लगी है वो हो तुम -
दिल में जिसकी तस्वीर लगी है वो हो तुम -
bharat gehlot
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Good night
Good night
*प्रणय*
मन में रख विश्वास
मन में रख विश्वास
Anant Yadav
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
Rituraj shivem verma
तुझे किस बात ला गुमान है
तुझे किस बात ला गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कैसे भूल जाऊँ
कैसे भूल जाऊँ
हिमांशु Kulshrestha
नदिया का नीर
नदिया का नीर
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
आंखों का काजल
आंखों का काजल
Seema gupta,Alwar
ऐ जिन्दगी मैने तुम्हारा
ऐ जिन्दगी मैने तुम्हारा
पूर्वार्थ
नीति री बात
नीति री बात
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बाबा साहब हुए महान
बाबा साहब हुए महान
डिजेन्द्र कुर्रे
शमा जली महफिल सजी,
शमा जली महफिल सजी,
sushil sarna
Loading...