शीर्षक:अक्सर
शीर्षक:अक्सर
अकसर यादो की असीम पीड़ा
मन में भावों की उठती पीड़ा
यादे जो लहरों सी उठती हैं
हमेशा मन की टीस बनी रहती हैं
अक्सर ऐसा ही होता हैं….
ज़िंदगी के सफर में हर पड़ाव पर
दुखो के बादल अक्सर घुमड़ते हैं पर
शरीर मे न जाने क्यों जीवंतता ही पर
एक जिज्ञासा ही सी होती हैं
अक्सर ऐसा ही होता हैं….
मानो बादलो से गिरी बूंदों से सबक
कि दर्द पटक देगा आसमा से जमीन पर
बारिश के साथ हवा मानो घावों को सहलाती हैं
पीड़ा मानो कुछ समय के लिए भूल जाती हैं
अक्सर ऐसा ही होता हैं….
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद