शीत लहर का हुआ आगमन
सोमवार, दिनांक – 21/12/2020
मंच को सादर निवेदित मुक्तक :-
प्रदत्त छंद – वीर/आल्ह (मापनीयुक्त मात्रिक)
विधान – 31 मात्रा, 16,15 पर यति, अंत में गाल अनिवार्य. ( वीर/आल्ह = चौपाई + चौपई )
ध्रुव-शब्द – ‘ भेद ‘
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मुक्तक :-
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शीत लहर का हुआ आगमन,और धुंध ने किया कमाल।।
सीटी बजा रही है सर्दी, तापें बबुआ आग पुआल।।
मफलर से ठंडी नहिं भागे,कजरी बाबा खींचें सांस,
भेद नहीं करती यह सर्दी, सबके मन में उठा सवाल।।
– अटल मुरादाबादी-
नोएडा