Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2021 · 1 min read

‘शीतलहर’

‘शीतलहर’
————

मौसम बदला, ठिठुरा शहर;
फिर से आई है, ‘शीतलहर’;
पूरा दिन हो या हो, दोपहर;
दिखाए मौसम अपना कहर;
कोई मत जाना, इधर-उधर;
फिर से आई है, ‘शीतलहर’।
गरीबों को ही , अब सजा है;
महलों में ही , मिले मजा है;
कष्ट उसे,जिनके नही हैं घर;
ठिठुरता बदन, ,जाए सिहर;
फिर से आई है, ‘शीतलहर’।
दीन दुखियों पे आफत आई;
मौसम बन गई, जैसे कसाई;
ठंड ने उसको है, कपकपांई;
कहां मिले , उसे कोई रजाई;
ठंडी पवन, उगले अब जहर;
फिर से जो आई,’शीतलहर’।
कुहासे से भी ढक गई धरती;
बाग-बगीचा, बने अब परती;
खेत-खलिहान में पड़ा पाला;
हाट बाजारों में,लटका ताला;
चोरों की चांदी दिखे,हर पहर;
फिर से आई जो, ‘शीतलहर’।
हर शीत में, लगे बहुत जाड़ा;
मानव या पशु-पक्षी हो,सारा;
सब ही तो बन गए हैं,बेचारा;
चाहते सब,सूरज का सहारा;
मगर प्रकृति की है,यही डगर;
माघ गई,पूस आए शीतलहर।
शीतलहर सताती दुखियों को;
सुख मिलता,उन सखियों को;
लक्ष्मी रहती है , जिनके साथ;
जीवन बिताना मुश्किल होता;
हर दीनों को , दिन हो या रात;
सबकी दिनचर्या, गई है ठहर;
फिर जो आई है , ‘शीतलहर’।
बहुत है,इस मौसम में पाबंदी;
स्कूल-कॉलेज भी, होती बंदी;
जब आती, ‘शीतलहरी’ ठंडी;
सज गई,गर्म कपड़ों की मंडी;
बिकता, स्वेटर,शॉल,मफलर;
जब भी आता है, ‘शीतलहर’।
**********************

स्वरचित सह मौलिक;
..…✍️ पंकज ‘कर्ण’
…………कटिहार।।

Language: Hindi
3 Likes · 625 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पंकज कुमार कर्ण
View all
You may also like:
"Cakhia TV - Nền tảng xem bóng đá trực tuyến hàng đầu. Truyề
Social Cakhiatv
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
Ajit Kumar "Karn"
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
भरत कुमार सोलंकी
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धधक रही हृदय में ज्वाला --
धधक रही हृदय में ज्वाला --
Seema Garg
जबकि हकीकत कुछ और है
जबकि हकीकत कुछ और है
gurudeenverma198
हम तुम और वक़्त जब तीनों क़िस्मत से मिल गए
हम तुम और वक़्त जब तीनों क़िस्मत से मिल गए
shabina. Naaz
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
सपनो के सौदागर रतन जी
सपनो के सौदागर रतन जी
मधुसूदन गौतम
प्रेमिका को उपालंभ
प्रेमिका को उपालंभ
Praveen Bhardwaj
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
कहू किया आइ रूसल छी ,  कोनो कि बात भ गेल की ?
कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
DrLakshman Jha Parimal
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
ਕਿਸਾਨੀ ਸੰਘਰਸ਼
ਕਿਸਾਨੀ ਸੰਘਰਸ਼
Surinder blackpen
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
221 2121 1221 212
221 2121 1221 212
SZUBAIR KHAN KHAN
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
"आज मैं काम पे नई आएगी। खाने-पीने का ही नई झाड़ू-पोंछे, बर्तन
*प्रणय*
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
"एक उम्र के बाद"
Dr. Kishan tandon kranti
जताने लगते हो
जताने लगते हो
Pratibha Pandey
श्रमिक दिवस
श्रमिक दिवस
Bodhisatva kastooriya
Take responsibility
Take responsibility
पूर्वार्थ
3696.💐 *पूर्णिका* 💐
3696.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नारी का क्रोध
नारी का क्रोध
लक्ष्मी सिंह
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
प्यार
प्यार
Shriyansh Gupta
Loading...