शिक़ायत
न सोचा था कभी हमनें की तुम ये दिन दिखाओगे,
करोगे कॉल न मैसेज न मिलने घर में आओगे।।1।।
तुम्हारी याद तड़पती है हमको रात और दिन में,
हमें मालूम न था कि हमें इतना सताओगे।।2।।
अगर तुमको नहीं था प्यार हमसे बोल तो देते,
थक गए बोलकर तुमसे मोहब्बत क्या निभाओगे।।3।।
हमारा दिल दुखाकर खुश बड़े हो आज तो देखो,
कोई तुमसे जो पूछेगा उसे तुम क्या बताओगे।।4।
हुई कोई ख़ता हमसे तो हमको माफ़ कर देना,
हमें पक्का यकीं है तुम हमें न भूल पाओगे।।5।।