शिष्टाचार
सुबह देर तक सोते रहना, शिष्टाचार नहीं है।
नित्य-कर्म में आलस करना, शिष्टाचार नहीं है।
आज वक्त मोबाइल का है,बनी ज़रूरत सब की,
मगर इसी से चिपके रहना, शिष्टाचार नहीं है ।
आत्म नियंत्रण आदर्शों का,हाथ पकड़कर रखना,
कृत्रिमता में खोये रहना, शिष्टाचार नहीं है।
अनुशासन में जीवन जीना,तन, मन, शुद्ध रहेगा,
गलत राह पर कदम बढ़ाना, शिष्टाचार नहीं है।
भोगवाद ने भौतिकता का, मापदंड अपनाया है,
मानव मूल्यों को झुठलाना, शिष्टाचार नहीं है।
दया धर्म मानवता को,आत्मसात कर जाना,
अहंकार में अंधा होना, शिष्टाचार नहीं है।
साहस संयम धैर्य बाँध कर,सतत् सफलता पाना,
सुची संस्कृति संस्कार भुलाना, शिष्टाचार नहीं है।
शिष्ट आचरण आभूषण है, जो आदर दिलवाता,
सदाचार को नित ठुकराना, शिष्टाचार नहीं है।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली