Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2024 · 1 min read

शिष्टाचार और सद्व्यवहार

जिसके पास शिष्टाचार और सद्व्यवहार
मिलता उसे सारी दुनिया का स्नेह प्यार
फिर दुनिया की धन दौलत है सब बेकार
ओम् उसका निश्चित ही हो जाता बेड़ा पार

ओमप्रकाश भारती ओम्

Language: Hindi
27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओमप्रकाश भारती *ओम्*
View all
You may also like:
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
गुरूर  ना  करो  ऐ  साहिब
गुरूर ना करो ऐ साहिब
Neelofar Khan
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
पूर्वार्थ
शब्द
शब्द
Sangeeta Beniwal
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
Swami Ganganiya
जिन्दगी ....
जिन्दगी ....
sushil sarna
सभी फैसले अपने नहीं होते,
सभी फैसले अपने नहीं होते,
शेखर सिंह
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
Ranjeet kumar patre
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कवि दीपक बवेजा
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
Ashwini sharma
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
हे मेरे प्रिय मित्र
हे मेरे प्रिय मित्र
कृष्णकांत गुर्जर
मै थक गया
मै थक गया
भरत कुमार सोलंकी
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
// माँ की ममता //
// माँ की ममता //
Shivkumar barman
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का
Shashi Mahajan
4270.💐 *पूर्णिका* 💐
4270.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
A Hopeless Romantic
A Hopeless Romantic
Vedha Singh
ज़िंदगी तेरी किताब में
ज़िंदगी तेरी किताब में
Dr fauzia Naseem shad
भारत के वायु वीर
भारत के वायु वीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...