शिव शिव की टेर
शिव शिव की टेर
हे देवों के देव !महादेव वंदन,
विरूपाक्ष वामदेव को अभिनंदन
शशिशेखर कपर्दी भोले बाबा
भक्तो के पुकार सुन तुरंत शिवालय में आजा।
प्रणाम हे!शंभू पिनाकी
दुश्मन के खत्म कर दे
चालाकी
हे महेश्वर शिव अपनी त्रिनेत्र खोल
मेरे प्यारे बाबा दर्शन देके बोल
हे गिरिजापति नीलकंठेश्वर
आप ही हो मेरे एक मात्र ईश्वर
स्तुति सुन
कर दे
मेरी मनोकामना पूर्ण
जय जय शिव शंकर
कपटियों को खत्म करो भयंकर।
हे रुद्र! हे शर्व!
दंतवत हूं नतमस्तक
आपके सामने स्पष्ट हूं।
हे पुष्कर हे गौरी शंकर
सावन सोमवार का
मेरी मनोकामना पूरा कर।
जय महाकाल
मेरे रूह में आ
यहां से कहीं न जा।
जय भोलेनाथ
डमरूवाले प्रणाम।
आपके सामने दुनिया
भभूत है
हर जगह शिवोअहम
शिवोअहम की गूंज ही सबूत है।
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
दुर्ग छत्तीसगढ़