शिव शम्भु
मेरे शिव है भोले भाले
यह है दुनियाँ के रखवाले।
जिनकी महिमा है अनन्त
जिनका आदि है न अंत।
जो है कालों के महाकाल,
जिनका कण-कण मे है वास।
जो जन जन करते उद्धार
वो है शिव शंभु हमारे ॥
जो है तन पर भस्म रमाएँ
जटा में गंगा को बैठाएँ ।
जिनके कंठ मे है विष का प्याला।
जिनके गर्दन मे है सर्प और
रूद्र का माला।
एक हाथ मे है त्रिशूल
दूसरे हाथ से अमृत का प्याला।
नंदी जिनकी सवारी है।
तन पर पहने बाघ का छाला।
डमरू बजाते दिख जाएगें
मेरे शिव है बड़ा मतवाला ।
माँग ले इनसे जो है माँगना ,
यह भक्तो के है बड़ा रखवाला।
इनकी शरण में जो चला जाए
उस पर न कभी कष्ट आने वाला।
मेरे शिव शम्भु के आशिर्वाद से
उसके जीवन मे सिर्फ और सिर्फ रहेगा उजियाला ।
ये तीनो लोको के है स्वामी
जन-जन का दुख है हरने वाला।
इनके जैसा न है कोई
इस जग मे भोला-भाला।
सारे जग मे इनके जैसा
कोई नही है प्रतिपाला।।
~अनामिका