शिव महिमा
शिवमहिमा पर मुक्तक काव्य:
1-सावन के आते ही,सबके मन हर्षित हो जाते हैं,
काले काले बदरा भी, उमड़ उमड़ बरसाते हैं,
भक्तों के संताप मिटाने,खुशियों की फुहार लिये
जब पार्वती को साथ लिए,मेरे शिव धरा पर आते हैं।
2-धरा संग अम्बर भी अपनी पलकें बिछाते हैं,
देवी देवता मानव सब नतमस्तक हो जाते हैं,
गूँज उठते हैं त्रिलोक बम बम भोले के नाद से,
जब पार्वती को साथ लिये,शिव धरा पर आते हैं,
3-गंगधार जटा में, चंद्र मस्तक पर शोभा बढ़ाते हैं,
गले का हार सर्प,नन्दी शिव का वाहन बन जाते हैं,
एक हाथ में ले त्रिशूल, एक हाथ में लेकर डमरू,
जब पार्वती को साथ लिए,मेरे शिव धरा पर आते हैं।
4-शिवनाम मेरे मन में, पावन जोत जगाते हैं,
ओम नमः शिवाय से, मेरे रोम रोम खिल जाते हैं,
एक झलक पाने को उनकी , राह निहारें मेरी आंखें,
जब पार्वती को साथ लिए,मेरे शिव धरा पर आते हैं।
5-जाप करे जो शिव का,उनके दुख दूर हो जाते हैं,
सतमार्ग पर चलनेवालों को,शिव अपना प्रिय बनाते हैं,
कर्म रहें जिसके उत्तम, परहित का मन में भाव रहे,
ऐसे ही इंसानों को केवल शिवधाम नसीब हो पाते हैं।
By:Dr Swati Gupta