शिव छन्द
शिव छन्द
11 मात्रिक छन्द
चरणान्त: नगण(111) अनिवार्य
मापनी: 11111111111
1111 11 11 111
डगमग पग शिशु धरत,
करतब नव नित करत।
मुख रज दमकत रजत,
नटखट सु-मदन बहुत।
1111 11 11 111
मन सुमन पिय मधुबन
तज विरह उर विरहन।
अपलक तकत नयनन,
हुलस तन-मन कण-कण।
1111 11 11 111
सुरभित अधर बतरस,
उलसित मधुर सरबस।
चहल चपल चितवन,
महकत कमल उपवन।
1111 11 11 111
सुरभित सुरमय पवन,
चमकत दिनकर नयन।
अधरम मधुरम बयन,
झलमल निशिकर शयन।
1111 11 11 111
प्रिय पति वह दृग युगल,
चढ़त-बढ़त हिय अनल।
कठिन डगर मत मचल,
खिलत मुख धवल कमल।
नीलम शर्मा ✍️
✓चहल-चटकीला, तेज़।
✓रज- मिट्टी
✓सरबस-सर्वस्व
✓सुरभित-सुगंधित, सुवासित।
✓दृग-आँखें
✓धवल- सफेद