शिवरात्रि
शिवरात्रि !
मिलन – यामिनी
शिव एवं शक्ति की।
मधुरात्रि
पुरुष एवं प्रकृति की।
सारी ऊर्जा,
स्वयं में समेटे है।
सारा ब्रह्माण्ड,
स्वयं में लपेटे है।
निर्माण का आधार यह।
विनाश का प्रहार यह।
नव-निर्माण सात्विकता का।
विनाश नकारात्मता का।