इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
Phoolon ki bahar hoti hai jab tu mere sath hoti hai,
गर तुम हो
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
*कितनों से रिश्ते जुड़े नए, कितनों से जुड़कर छूट गए (राधेश्य
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मोदी एक महानायक
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
🌹 इस्लाम ने मोहब्बत का पैगा़म दिया है ।
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
झाग की चादर में लिपटी दम तोड़ती यमुना