दैनिक आर्यवर्त केसरी, अमरोहा
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
अतीत
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
माँ और बेटी.. दोनों एक ही आबो हवा में सींचे गए पौधे होते हैं
मुझे उस पार उतर जाने की जल्दी ही कुछ ऐसी थी
sometimes it feels bad for no reason... and no motivation wo
गर्त में था तो सांत्वना थी सहानुभूति थी अपनो की
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
आज अंधेरे से दोस्ती कर ली मेंने,
मैं भारत हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
भारत की गौरवशाली परंपरा का गुणगान लिखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"राह अनेक, पै मँजिल एक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वो पहली नज़र का प्यार भी क्या प्यार था,