Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

शिवरात्रि

शिवरात्रि !

मिलन – यामिनी

शिव एवं शक्ति की।

मधुरात्रि

पुरुष एवं प्रकृति की।

सारी ऊर्जा,

स्वयं में समेटे है।

सारा ब्रह्माण्ड,

स्वयं में लपेटे है।

निर्माण का आधार यह।

विनाश का प्रहार यह।

नव-निर्माण सात्विकता का।

विनाश नकारात्मता का।

2 Likes · 531 Views

You may also like these posts

वक्त इतना बदल गया है क्युँ
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
Shweta Soni
बूढ़ी माँ ...
बूढ़ी माँ ...
sushil sarna
Blabbering a few words like
Blabbering a few words like " live as you want", "pursue you
Chaahat
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
धृतराष्ट्र की आत्मा
धृतराष्ट्र की आत्मा
ओनिका सेतिया 'अनु '
☺️
☺️
*प्रणय*
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
सत्य कुमार प्रेमी
2534.पूर्णिका
2534.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हर वर्ष जला रहे हम रावण
हर वर्ष जला रहे हम रावण
Dr Manju Saini
प्री वेडिंग की आँधी
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों
व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों
Er.Navaneet R Shandily
स्कूल बैग
स्कूल बैग
Mandar Gangal
लेखक होने का आदर्श यही होगा कि
लेखक होने का आदर्श यही होगा कि
Sonam Puneet Dubey
आतें हैं जब साथ सब लोग,
आतें हैं जब साथ सब लोग,
Divakriti
"तू ही तू है"
Dr. Kishan tandon kranti
हमारा देश
हमारा देश
SHAMA PARVEEN
किस्सा कुर्सी का - राज करने का
किस्सा कुर्सी का - राज करने का "राज"
Atul "Krishn"
*नसीहत*
*नसीहत*
Shashank Mishra
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
चाँद
चाँद
TARAN VERMA
धरती मां का विज्ञानी संदेश
धरती मां का विज्ञानी संदेश
Anil Kumar Mishra
हर रोज़ मेरे ख़्यालों में एक तू ही तू है,
हर रोज़ मेरे ख़्यालों में एक तू ही तू है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
आया है प्रवेशोत्सव
आया है प्रवेशोत्सव
gurudeenverma198
दुआ सलाम न हो पाए...
दुआ सलाम न हो पाए...
अरशद रसूल बदायूंनी
दुविधा में हूँ
दुविधा में हूँ
Usha Gupta
रोक लें महाभारत
रोक लें महाभारत
आशा शैली
*आज़ादी का अमृत महोत्सव*
*आज़ादी का अमृत महोत्सव*
Pallavi Mishra
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता
Mukesh Kumar Sonkar
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
manjula chauhan
Loading...