शिवरात्रि पर विशेष
भूत भावन भगवान भोले भंडारी है।
भक्तों की इच्छा पूरी करते पुरारी है ।
जीव जन्तु जो है धरा पर जन्म लिये
सबके हैं स्वामी पशुपति नामधारी है ।
कामरूप काम अरि कर्पूर गौरम् है
सबकी मनोकामना पूरते पुरारी है ।
त्रिनेत्र धारी आशुतोष औघडदानी ,
झोलियाँ भरते सबकी भोले भंडारी हैं।
मृगचर्म अम्बर जिसका शिव तांडव नृत्य
त्रिपुरारि जटा में पावन गंगा धारी हैं ।
थोड़े मे ही खुश होते आशुतोष नाम है ।
क्रोध में जलाने वाले शिव प्रलयंकारी हैं ।
साकार निराकार दोनों रूप पूज्य है ,
विषपान करके अमरनाथ नाम धारी है ।
अर्धनारीश्वर के रूप में पूजे जाते,
शिव सृष्टि के सृजन कर्ता आधे पुरुष नारी है ।
प्रसन्न हो शिव कल्याण करो हम सब ध्यान करें
मिलकर उतारते आरती तुम्हारी है।
शिवरात्री की शुभकामनाएँ