शिक्षा
शिक्षा परमेश्वर के आगे,
अराधना करने से नहीं,
केवल पुस्तक का अध्ययन,
करने से ही मिलती है हमें।
ये शिक्षा कुछ माता-पिता से,
कुछ गुरूओं से,कुछ समाजों से,
मिल पाती है हमें,
तीनों के शिक्षा का महत्त्व,
जिंदगी की राहों में चलता है हमें।
किसी सफल व्यक्ति के पीछे,
होती शिक्षा का योगदान है,
बिना शिक्षा न कोई भी मनुष्य,
बन न सका है, बन न सकेगा,
बन न सकता है महान।
ज्ञानों में वृद्धि करती है शिक्षा,
फर्ज का अहसास कराती है शिक्षा,
मन की बुराइयाँ मिटाती है शिक्षा,
मन में अच्छाई लाती है शिक्षा।
शिक्षा एकमात्र शस्त्र है,
जिसके सामने ना टिक सका,
दुनिया का कोई भी अस्त्र-शस्त्र,
हम भी इस शस्त्र को अपनाएंगे,
दुनिया में नाम कमाएंगे।
जिस भी व्यक्ति के पास,
शिक्षा के प्रति सच्ची लगन,
और मन में अटूट विश्वास हो,
शिक्षा सही मायने मिलती उसे,
वही व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर,
करता अपने माता-पिता व गुरु का,
सीना गर्व से चौड़ा है।
जिंदगी के हर मोड़ पर पथ का,
अवलोकन कराती है शिक्षा।
लेखक :- उत्सव कुमार आर्या
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार