शिक्षा व्यवस्था
क्या कोई बता सकता है
मन में जो संदेह है मिटा सकता है
मेरे स्कूल का आठ का छात्र है
बुद्धिहीन हैै, नही शक लेशमात्र है
ईंट पत्थर उठा लेता है प्रतिशोध में
सबसे आगे है अनुशासन विरोध में
निःशुल्क मिली पुस्तके किस्तों में बॉट दी
यूनिफार्म जो दी वो टुकड़ो में छॉट दी
ये मनोदशा तब भी थी जब उसका नामांकन हुआ
जिसने किया उसे भी स्थिति का छायांकन हुआ
लेकिन शायद वो लाचार थे
विद्याधन बॉटने को तैैयार थे
पर प्राप्त करने के लिए पात्र भी होना चाहिए
टूटा फूटा ही सही जरूरी नही,सुपात्र ही होना चाहिए
पर उसका भाग्य और विभाग की विडम्बना
१ से ७ तक की परीछा में निर्बाधित विजयी रहा
अब फिर एक खेल है जो होना है
और उसमें भी उसे विजयी होना है
कृपया बताएगें विछिप्त वो है या हम
या यही परिचय संछिप्त है RTE अधिनियम
कुछ तो अधिकार हमारे भी हो
कर्तव्य से नही हटते पर नेत्र हमारे भी हो|