शिक्षा देना ध्येय हमारा
नहीं मान-सम्मान चाहता, शिक्षित हो हर वर्ग हमारा।
अभावों के पथ पर चलकर, शिक्षा देना ध्येय हमारा।।
दीप समान जलाया खुद को,
अंधियारों में परिजन पाए।
ज्योति जला शिक्षा की हमने,
चहुदिश ज्ञानपुंज फैलाए।।
दिव्य ज्ञान भंडार लुटाकर, विद्या देना कर्म हमारा।
सुख सुविधा का मोह त्याग कर,विद्यादान है धर्म हमारा।।
शिक्षा,कला,ज्ञान बाँटकर,
समरसता का भाव जगायें।
भेदभाव से ऊपर उठकर,
जीने की हम कला सिखायें।।
नित्य नूतन अभिनव प्रयोग से, बुद्धिमान हो छात्र हमारा।
अखिल विश्व के विश्व गुरु को,’कल्प’ गुरु बनाना ध्येय हमारा।।