Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2023 · 1 min read

– शिक्षा को सबको मिले समान अधिकार –

– शिक्षा का सबको मिले समान अधिकार –
जन्म लेता जब बच्चा घर में,
परिवार में हो जाता खुशियों का संसार,
बेटी के जन्म पर क्यों होता घर उदास,
बेटे के जन्म पर मुख मीठा कराया जाए,
बेटी के जन्म पर मां को क्यों कड़वा घुट पिलाया जाए,
बच्चे को ज्यादा पढ़ाया ,
बच्ची को क्यों घर पर बिठाया जाए,
भरत मिले दोनो को शिक्षा का समान अधिकार,
गहलोत कहता आप सभी से न रखे बेटे बेटी में भेदभाव,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान संपर्क -7742016184

Language: Hindi
210 Views

You may also like these posts

भूख
भूख
Mansi Kadam
एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे
एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे
डॉ. दीपक बवेजा
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जोधाणौ
जोधाणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख़ आबले 'अकबर'
पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख़ आबले 'अकबर'
Dr Tabassum Jahan
THOUGHT
THOUGHT
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
अवध किशोर 'अवधू'
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
तस्मात् योगी भवार्जुन
तस्मात् योगी भवार्जुन
सुनीलानंद महंत
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बहुत तरासती है यह दुनिया जौहरी की तरह
बहुत तरासती है यह दुनिया जौहरी की तरह
VINOD CHAUHAN
"तू रंगरेज बड़ा मनमानी"
Dr. Kishan tandon kranti
घुटन
घुटन
Preksha mehta
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
माल हवे सरकारी खा तू
माल हवे सरकारी खा तू
आकाश महेशपुरी
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
Annu Gurjar
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़  करु।
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़ करु।
Ashwini sharma
कर्म की खुशी
कर्म की खुशी
Sudhir srivastava
शीत ऋतु
शीत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दो कदम
दो कदम
Dr fauzia Naseem shad
एक दिन उसने यूं ही
एक दिन उसने यूं ही
Rachana
शोर, शोर और सिर्फ़ शोर, जहाँ देखो वहीं बस शोर ही शोर है, जहा
शोर, शोर और सिर्फ़ शोर, जहाँ देखो वहीं बस शोर ही शोर है, जहा
पूर्वार्थ
3237.*पूर्णिका*
3237.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रंगों का त्योहार होली
रंगों का त्योहार होली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
भारत के वायु वीर
भारत के वायु वीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
#सामयिक_मुक्तक-
#सामयिक_मुक्तक-
*प्रणय*
फागुन महराज, फागुन महराज, अब के गए कब अइहा: लोक छत्तीसगढ़ी कविता
फागुन महराज, फागुन महराज, अब के गए कब अइहा: लोक छत्तीसगढ़ी कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
Rj Anand Prajapati
आगाज...जिंदगी का
आगाज...जिंदगी का
सोनू हंस
Loading...