शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
शिक्षा सेवा राष्ट्र निर्माण, शिक्षक भी ये धर्म भूल गये
आज सभी दिवस बधाई, शिक्षक बन्धु मिले मिलाई
शिक्षा सेवा मूल पहचाने, युग डोनेशन में झूल गये
जगे चाणक चन्द्रगुप्त मिले, पाणिनि को शिष्य श्रेष्ठ मिले
मिले शिवाजी रामदास को, अंधेपन में सभी धूल भये
ज्ञान धर्म अध्यात्म मूल है, अधर्म तिमिर अशिक्षा शूल है
संस्कारो की माला गूँथे, सम्मान संस्कृति भूल गये
करें समागम फिर से चरचा , छात्र शिक्षक संबध परिचर्चा
अनुभव उपलब्धि गौरव की, ज्ञान विहीन युवा शूल भये