“शिक्षक”
“शिक्षक”
शिक्षक की महता है अपरंपार
पौधों को सींचकर फलदायी वृक्ष बनाएं,
मुरीद हैं इनके गुणी महापुरूष भी
बांटकर ज्ञान सारे जग को पढ़ाएं,
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य खातिर
दीपक ज्यू जलकर प्रकाश फैलाएं
पढ़ लिखकर इनसे विद्वान बने शिष्य
चहूं और वातावरण को ज्ञान से महकाएं,
ब्रह्मा, विष्णू, महेश से भी बढ़कर
शिक्षक को वेद और पुराण बताएं
प्राचीन काल से ही पार उतारें सबको
महिमा उनकी आज मीनू भी कह जाए।