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5 Sep 2023 · 1 min read

……… शिक्षक देव……..

……… शिक्षक देव……..

शिक्षक ही है श्रोत ज्ञान का
अनवरत दे रहा ज्ञान का दान
बिना ज्ञान है व्यर्थ यह जीवन
है यही जग मे कर्तव्य महान..

नासमझ से समझदार बनाकर
शिक्षक अपना कर्तव्य निभाता आया
आदर,सत्कार,सत्य,अहिंसा का
भेद सदा सबको बतलाता आया….

देकर अल्प समय में ही सीख वह
जीवन की सार्थकता का सूत्र दिया
देकर अनुभव वह समस्त ज्ञान का
बालक को विकसित होने का मंत्र दिया..

महिमा मे उनका गुणगान करूं क्या
पूज्यनीय कर्म का वर्णन करूं क्या
आदर्श बना जिसने है सफल बनाया
ऐसे दिव्य चरणों का वंदन करूं क्या….

बस इतना ही ,नतमस्तक हरदम
हर सांसों मे है ऋण उनका हरदम
शिक्षक मे ही दिखता रूप प्रभु का
सौ सौ बार नमन, शीश झुका हरदम..
…………………..
मोहन तिवारी,मुंबई

Language: Hindi
188 Views
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