शिक्षक दिवस
समकालीन युग में,
एक आवाज़ उठी हैं।
शोर मचा हर तरफ,
कहना बहुत जरुरी हैं।।
कहाँ छिप गए अध्यापकगण,
ऑनलाइन की बाज़ारी हैं ।
आज किताबों के जगह ,
ipone, tab और laptop की महामारी हैं।
सर्वगुणसम्पन्न है ये युग,
फ़िर भी सच्चे गुरु की तलाश जारी हैं।
गुरु की दास्तां कहने को,
गुरु शब्द ही भारी हैं।
जितना कहूँ उनके बारे मे,
उतना कहना कम होगा
यह मेरी लाचारी हैं।
तनु मैम!,
आपने मेरा हर शब्दों से नाता जोड़ा ,
कैसी यह नातेदारी हैं ।
आज भले शिक्षक दिवस है ,
स्कूल में ऐसे जीया हररोज़,
जैसे मेरी दुनियांदारी हैं।।।।