शिकायत
मुझे तुम्हारा प्रेम मिला
हां बहुत हुआ
ना कोई तकरार
ना झगड़ा-लड़ाई।
एक स्नेह
उमंग और एक
भाव की स्मृति।
सवाल-जवाब में
प्रेम ढह जाता है।
एक -दूसरे को
पाने की लालसा में
खो जाती है
वह भाव जो
पहले जगे थे।
रह जाती है
शेष केवल
शिकायत
बस केवल
एक शिकायत।