शिकवा क्या है
वर्षों से चला आ रहा सिलसिला है।
मेरी शिकायत से उसे मिला क्या है।
उसे उसकी ही रंगत ले डूबेगी एकदिन
फिर उससे मेरा गिला शिकवा क्या है।
-सिद्धार्थ
वर्षों से चला आ रहा सिलसिला है।
मेरी शिकायत से उसे मिला क्या है।
उसे उसकी ही रंगत ले डूबेगी एकदिन
फिर उससे मेरा गिला शिकवा क्या है।
-सिद्धार्थ