शास्त्री जी-जयन्ती विशेष
?जयन्ती विशेष?
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शास्त्री जी को याद करें,अपने मन की गहराई से,
मेहनत सिखलाया हर गरीब को,क्यों डरें मंहगई से
जयजवान और जयकिसान में,जो सम्मान झलकता है;
अब दुनिया में कोई नही,जिसकी तुलना हो परछांई से।
भारत के सच्चे पूत बने तुम,गुदडी के तुम ही लाल हो,
लाल बहादुर ऐसे ना थे, थे भारत की शान हो,
लोकतंत्र मे सत्ता पाकर, भारत का गौरव दिखलाया,
दुनिया तुमको मान गई थी;तुम दुश्मन
के काल हो ।
आज नमन तुमको करते हैं,श्रद्धा सुमन चढाते हैं,
सारा भारत एक हुआ है, दुनिया को दिखलाते हैं ,
ये कमी अब पूरी न होगी,क्षति हुई जो भारत के लाल की;
आदर्श आपके आपकी ही बातें; जीवन मे अपनाते हैं।
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