शायर एक वही होता है
दिल से दिल को जोड़ा जाए,थामा हाथ न छोड़ा जाए।
दूरी से जब दिल घबराए,नाता एक वही होता है।।
जिससे बातें कर जब न थकें,
हरपल जिसकी हम राह तकें,
देखें जिसको खुशियाँ आएँ,
भूले से न उसे भूल सकें,
दुख में मन न मरोड़ा जाए,सुख में मन न सिकोड़ा जाए।
बस मन मिलने को ललचाए,प्यारा एक वही होता है।।
अहसानों से जो दूर रहे,
मोहब्बत में जो चूर रहे,
मज़बूरी दिल की वो समझे,
साथी बनके मशहूर रहे,
मन मधुबन न उजाड़ा जाए,उजड़ा रूप सँवारा जाए।
नव करने को आगे आए,दाता एक वही होता है।।
पथ से न कभी जो विचलित हो,
कष्टों से न कभी आहत हो,
दम ले जो मंज़िल पाकर ही,
दीवानापन परिभाषित हो,
आँधी का रुख मोड़ा जाए,तूफ़ानों को रोड़ा जाए।
हरपल में ही जो हर्षाए,राही एक वही होता है।।
सुनते ही जो दिल में उतरे,
खाली मनों की गागर भरे,
रुचि पैदा करदे जो दिल में,
चलने को जो मज़बूर करे,
सपनों में भी दौड़ा जाए,पीछे न कभी छोड़ा जाए।
मन का जो उत्साह बढ़ाए,शायर एक वही होता है।।
–आर.एस.प्रीतम
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