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10 Jan 2019 · 1 min read

शायरी

हम तो बिकने आये ही है अल्फाजों के बाजार मे
कोई ऐसा मिला ही नहीं के खुद को उसे सोंप सके।

सोनु सुगंध १४/१२/२०१८

1 Like · 251 Views
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