!! शायरी !!
बड़ी तारीफ़ करते हैं लोग तेरी ख़ूबसूरती की
न जाने क्या क्या बात लिखते हैं उसके लिए
बड़े ना समझ हैं, और बड़े नादान हैं वो लोग
जो केवल तेरे जिस्म की नुमाइश में लिखते हैं !!
अजीत
न रोक पाओगे , जब चलेगा काफिला मेरा
चाहे जितना जोर लगा लेना, नहीं थमेगा काफिला मेरा
वो खुदा के घर जाने की बरात होगी
मुझ को जाने से कैसे रोक पायेगा मुख तेरा १११
अजीत