शायरी
अपना दिल काबू में हो बस चाहे बेवफा रोज मिले
लिखा है, हमारे इक दोस्त ने न जाने क्या सोच के
भाई मेरे वतन साहब है यह दिल रखना जरा संभाल के
ज्यादा बेवफा करने वालों से बचा के रखना सोच के !!
अजीत
अपने अश्कों को यूं बर्बाद न कर
आँखों को शिकायत हो जाएगी
रोने के लिए वो दिन छोड़ दे साकी
जिस दिन मेरी लाश तेरे घर के आगे से जाएगी !!
अजीत