शायरी
मैं अकेला हूं तुम्हारा साथ चाहिए
कोई नहीं मेरा अपना तुम्हारा हाथ चाहिए
कोई तो हो जिसे अपना कह सकूं मैं
बेमकसद जिंदगी मेरी ,मेरी जिंदगी का मकसद बन जाइए ।
मैं अकेला हूं तुम्हारा साथ चाहिए
कोई नहीं मेरा अपना तुम्हारा हाथ चाहिए
कोई तो हो जिसे अपना कह सकूं मैं
बेमकसद जिंदगी मेरी ,मेरी जिंदगी का मकसद बन जाइए ।