— शायरी —
?जाने से पहले अपने कफ़न पर भी क्यूँ बोझ रखूं किसी बात का,
?न जाने जनाजा उठाने वालों पर क्या गुजरेगी,
मैं तो चला ही जाऊँगा ?♂️इस दुनिआ को छोड़ कर,
मुझ को दफन करने वालों पर न जाने क्या क्या गुजरेगी,??
,रूक न जाएँ मुझ को जलाने से पहले वो लोग, ?
न जाने किसी के दिल पर उस वक्त क्या गुजरेगी, ?
रोये न कोई कभी मेरे जाने के बाद, ?
जो भी गुजरेगी वो सब मुझ पर ही गुजरेगी ?
अजीत कुमार तलवार
मेरठ