शायरी
हर लम्हा मुझे, तू इस तरह
हर पल में, न महसूस कर
बेचैन सी ये हिचकियाँ,लेती हैं जां
खामोशियाँ मेरी, कुछ तो मकसूद कर
रेखा “कमलेश ”
होशंगाबाद मप्र
हर लम्हा मुझे, तू इस तरह
हर पल में, न महसूस कर
बेचैन सी ये हिचकियाँ,लेती हैं जां
खामोशियाँ मेरी, कुछ तो मकसूद कर
रेखा “कमलेश ”
होशंगाबाद मप्र