शायद
हालाँकि मालूम होता है
की अगली या उस से अगली लहर
मिटा देगी सब कुछ
शायद वो वैसे ही रहता हो
बस ऐसा लगता हो
शायद दूर कहीं
आसमान और ज़मीं मिलते हो
सच में।
हालाँकि मालूम होता है
की अगली या उस से अगली लहर
मिटा देगी सब कुछ
शायद वो वैसे ही रहता हो
बस ऐसा लगता हो
शायद दूर कहीं
आसमान और ज़मीं मिलते हो
सच में।