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15 Dec 2024 · 1 min read

शायद वह तुम हो जिससे————

शायद वह तुम हो, जिससे हमको है इतना प्यार।
जिसका लबों पर नाम आता है, बार बार।।
शायद वह तुम हो——————————–।।

तारीफ तुम्हारी यार, हम कैसी करें।
तुम्हें जो पसंद हो, बात वैसी करें।।
नहीं और किसी पे, हमको इतना एतबार।
मिलती है सिर्फ तुमसे, हमको खुशी यार।।
शायद वह तुम हो————————–।।

खूबसूरत हो तुम कितनी, दिलकश हो।
दिल की मधुशाला में, जैसे मैकश हो।।
मिलने को जिससे दिल है, इतना बेकरार।
करना है जिससे दिल को, प्यार इजहार।।
शायद वह तुम हो————————।।

क्या कभी तुम भी हमको, करते हो याद।
हमारे लिए खुशी की, रब से तुम फरियाद।।
हमने किया है किससे, दिल का इकरार।
कहते हैं जिसको, अपना हम संसार।।
शायद वह तुम हो————————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
16 Views

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