शायद मैं भगवान होता
शायद मैं भगवान होता
तो गरीबों के पास भी
खुशी का असमान होता
शायद में भगवान होता
शायद में भगवान होता
तो कर्मों के फल का मुझे ज्ञान होता
हर लेता उनके दुख
जिनके पास कुछ न खान पान होता
भला ही करता सबका
यही पहला उद्देश्य साथ होता
शायद में भगवान होता
नसीब शब्द को हटा देता पहले तो
फिर न किसी को खुद पे अभिमान होता
अपने कर्म का फल ही देता
बाप दादा की संपत्ति पे
न किसी को अभिमान होता
शायद में भगवान होता