शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है
बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है
प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है
आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपन्स
शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है।।
मधुप बैरागी
बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है
प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है
आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपन्स
शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है।।
मधुप बैरागी